छह साल की उम्र में सड़क हादसे में खो दिया था पुरुषत्व, डॉक्टरों ने 37 साल बाद हाथ की त्वचा से बना दिया नया प्राइवेट पार्ट
अजब आबिद की गजब कहानी
इनसे
मिलिए... ये
हैं मोहम्मद आबिद। 43 साल
के हैं और इंग्लैंड में रहते
हैं। तो इसमें खास क्या है?
खास ये है
जनाब कि इन महाशय का प्राइवेट
पार्ट बटन से ऑन-ऑफ
होता है। है ना खास! और
खासियतें पढ़ेंगे तो दंग रह
जाएंगे। आइए जानते हैं ऐसा
क्या-क्या
है...
ऐसे ऑन-ऑफ होता है प्राइवेट पार्ट
इनके
प्राइवेट पार्ट को सक्रिय
करने के लिए डॉक्टरों ने एक
विशेष यंत्र बनाया है। इसके
एक सिरे पर रबड़ का एक छोटा
गोला लगाया है जिसमें दो बटन
हैं ऑन और ऑफ करने के लिए। दूसरे
सिरे पर छोटे-छोटे
दो पाइप लगे हैं। जब बटन ऑन
किया जाता है तो पेट से एक विशेष
तरल पदार्थ इन दोनों पाइपों
में भर जाता है। इस तरल पदार्थ
के भरने पर आबिद उत्तेजित
महसूस करते हैं। बटन बंद करने
पर तरल पदार्थ निकल जाता है
और उत्तेजना खत्म हो जाती है।
119 ऑपरेशन करने पड़े
डॉक्टरों
को आबिद को पूर्ण पुरुष बनाने
के लिए 119 ऑपरेशन
करने पड़े। तीन साल तक लगातार
शोध किया गया कि कैसे आबिद का
प्राइवेट पार्ट बनाया जाए और
कैसे वह काम करेगा। यूनिवर्सटी
कॉलेज ऑफ लंदन के डॉक्टरों
ने हार नहीं मानी। उनको आबिद
के 119 ऑपरेशन
करने पड़े।
हाथ की त्वचा से बना दिया नया प्राइवेट पार्ट
डॉक्टरों
ने आबिद की हाथ की त्वचा और
चर्बी से नया प्राइवेट पार्ट
बना दिया। हालांकि इसमें उनको
तीन साल का लंबा वक्त लग गया,
लेकिन आखिर
में सफलता मिल ही गई। इसी के
अंदर दोनों पाइप लगाकर उसे
उत्तेजित और शांत करने का
सिस्टम बनाया गया।
ऐसा क्यों करना पड़ा?
आबिद
जब छह साल का था तो स्कूल से
घर जा रहा था। रास्ते में जब
सड़क पार करने लगा तो पीछे से
किसी लड़की ने धक्का दे दिया।
आबिद एक कार की चपेट में आ गया
और 600 मीटर
तक घिसटता चला गया। डॉक्टरों
की कड़ी मेहनत से आबिद की जान
तो बच गई, लेकिन
पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका
उसका प्राइवेट पार्ट नहीं
बचा पाए। लघुशंका की समस्या
खत्म करने के लिए तब डॉक्टरों
ने पांव की त्वचा से नली बनाकर
लगा दी। लेकिन उसमें कोई
उत्तेजना नहीं होती थी।
सुहागरात तक बीवी को नहीं बताया
तीन
साल पहले आबिद का विवाह हुअा।
उसने सुहागरात तक अपनी बीवी
को यह नहीं बताया कि उसे पुरुषत्व
का सुख नहीं दे पाएगा। आबिद
के अनुसार, सुहागरात
में जब मैंने उसे सब बताया तो
वह सन्न रह गई। फिर भी उसने
मेरा साथ देने का फैसला किया
और कहा कि जब तक आपकी समस्या
का हल नहीं हो जाता, मैं
किसी से कुछ नहीं कहूंगी।
लेकिन यह बात ज्यादा दिन छुप
नहीं पाई। इलाज के दौरान इस
सबसे अनोखे रोगी के बारे में
मीडिया को पता चल ही गया। इसके
साथ ही उसके सास-ससुर
को भी। तब उन्होंने अपनी बेटी
को वापस बुला लिया और आबिद से
नाता तोड़ लिया।
..और बंद करने का बटन ही नहीं मिला
आबिद
हंसते हुए अपना अनुभव करते
हैं कि जब डॉक्टरों ने उसका
मशीनी प्राइवेट पार्ट लगा
दिया तो उसे ऑपरेट करने का
तरीका बता दिया गया। लघुशंका
के लिए आबिद बाथरुम गया और बटन
से प्राइवेट पार्ट को उत्तेजित
कर लिया। लेकिन निवृत्त होने
के बाद उसे बंद करने का बटन ही
नहीं मिला क्योंकि ऑन-ऑफ
के बटन त्वचा के नीचे ही लगाए
गए हैं। इस तरह 53 मिनट
तक मैं परेशान रहा। फिर अचानक
बटन मिला और मुझे राहत मिली।
अब नए साथी की तलाश में
चिकित्सा
जगह के अनोखे उदाहरण के रुप
में दुनियाभर में फेमस हुए
आबिद अब अपने लिए नए जीवनसाथी
की तलाश कर रहे हैं। वे कहते
हैं मुझे कोई शर्म नहीं है कि
मैंने दुनिया को अपनी समस्या
बताई। आखिर डॉक्टरों ने इतनी
विकट समस्या का हल भी ढूंढ ही
निकाला.....।
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