प्रमोशन दी, लेकिन मेनस्ट्रीम से हटा दिया, डीजी होमगार्ड बनाया
मुंबई:
देश के सबसे
पेचीदा माने जा रहे शीना मर्डर
केस मेें नामी-गिरामी
हस्तियों को अंदर करने वाले
मुंबई पुलिस कमिश्नर राकेश
मारिया को महाराष्ट्र की भाजपा
सरकार ने उनके पद से हटा दिया
है। उन्हें डीजी होमगार्ड
बना दिया गया है। अहमद जावेद
को मुंबई का नया कमिश्नर बनाया
गया है।
राकेश
मारिया का कार्यकाल बतौर
कमिश्नर 30 सितंबर
तक था, लेकिन
सरकार ने तीन सप्ताह पहले ही
उनको पद से हटा दिया। पेचीदा
केस में बड़े खुलासे करने वाले
मारिया को प्रमोट करके पद से
हटाने को लेकर सवाल उठने शुरू
हो गए हैं। सरकार अगर चाहती
तो मारिया को डीजी पोस्ट पर
प्रमोशन देकर भी मुंबई का
कमिश्नर बनाए रख सकती थी।
आरोपियों से खुद पूछताछ कर रहे थे मारिया
ये
सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं
क्योंकि शीना मर्डर केस में
आरोपियों से मारिया खुद पूछताछ
कर रहे थे। उन्होंने दावा किया
था कि वह मुंबई कमिश्नर का
कार्यकाल पूरा करने से पहले
इस केस को सुलझा लेंगे। उन्होंने
यह भी कहा था कि वे शीना को
आरुषि नहीं बनने देंगे।
नाराज थे मुख्यमंत्री?
चर्चा
है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
देवेंद्र फड़णवीस काे इस केस
में मारिया की इतनी दिलचस्पी
लेना रास नहीं आ रहा था। उनका
मानना था कि पुलिस जितना ध्यान
शीना मर्डर केस में लगा रही
है, उसे
उतना ही ध्यान दूसरे मामलों
में देना चाहिए।
सरकार की सफाई – गणेशोत्सव तक रुकते तो देर हो जाती
मारिया
का ट्रांसफर तत्काल प्रभाव
से किया गया है। इस तबादले पर
उठ रहे सवालों पर एडिशनल चीफ
सेक्रेटरी (होम)
केपी बख्शी
ने कहा, ''मारिया
के तबादले में कोई जल्दबाजी
नहीं बरती गई। गणेशोत्सव में
सुरक्षा इंतजामों के मद्देनजर
उनके ट्रांसफर में 30
पहले ही प्रमोशन करते
हुए तबादले का फैसला किया।''
शीना मर्डर
केस की जांच पर असर के बारे
में पूछे जाने पर उन्होंने
कहा, ''जांच
निचले स्तर के पुलिस अफसर करते
हैं, जिसका
सुपरविजन कमिश्नर करते हैं।
नए सीपी बेहद सक्षम हैं।''सितंबर तक
रोकना सही नहीं होता। इसलिए
हमने
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राकेश
मारिया की यह तस्वीर सामने
आने के बाद काफी विवाद हुआ था।
इसमें मारिया आईपीएल घोटाले
के आरोपी ललित मोदी के साथ नजर
आ रहे हैं।
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विवादों में थे मारिया
आईपीएल
में करोड़ों रुपए के घोटाले
के आरोपी ललित मोदी और राकेश
मारिया की लंदन में हुई मुलाकात
की एक फोटो सामने आने के बाद
काफी विवाद हुआ था। इसके बाद
विपक्ष ने उनके इस्तीफे की
मांग की थी। मारिया को इस मसले
पर फड़णवीस को सफाई देनी पड़ी
थी।
ये हैं राकेश मारिया
1981 बैच
के आईपीएस अफसर राकेश मारिया
ने डीसीपी ट्रैफिक रहते हुए
1993 के
मुंबई धमाकों का केस सुलझाया
था। बाद में उन्हें डीसीपी
क्राइम और फिर ज्वाइंट सीपी
क्राइम बनाया गया। मारिया ने
2003 में
गेटवे ऑफ इंडिया और झवेरी
बाजार में हुए धमाकों का केस
भी सुलझाया। 26/11 के
मुंबई हमले की जांच की जिम्मेदारी
उन्हें सौंपी गई थी। आतंकी
अजमल कसाब से अहम जानकारियां
उन्होंने ही उगलवाई थीं।
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