पढिए इंद्राणी मुखर्जी के बारे में हर वो बात जो आप जानना चाहते हैं...
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दूसरे
पति से पैदा हुई अपनी बेटी
विधि के साथ इंद्राणी मुखर्जी
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अजब रिश्ते, गजब गुत्थी
क्या
कोई महिला किसी एक ही इंसान
की मां और बहन एक साथ हो सकती
है? नहीं!
ऐसा नहीं
है जनाब, ये
घोर कलयुग है, इसमें
कुछ भी हो सकता है। यकीन नहीं
होता ना... तो
एक बार जरा इंद्राणी मुखर्जी
की जिंदगी में झांक लीजिए।
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कौन है इंद्राणी मुखर्जी
इंद्राणी
का जन्म दुर्गा रानी और उपेंद्र
बोरा के घर गुवाहटी में हुआ
था। नाम रखा गया था परी। शुरुआती
पढ़ाई-लिखाई
वहीं हुई। जमशेदपुर में स्टील
कंपनी में कार्यकारी अधिकारी
सिद्धार्थ दास पर दिल आया तो
उसके साथ शिलांग भाग गई। तब
उम्र थी महज १५ साल। लेकिन
नाबालिग होने के कारण इंद्राणी
उससे विवाह नहीं कर पाई।
एक साथ ऐसे बनी मां और बहन!
लंबे
समय तक इंद्राणी के बहुत करीबी
रहे एक व्यक्ति ने मीडिया में
दिए इंटरव्यू में दावा किया
कि जब वह १५ साल की थी,
तभी से उसके
सौतेले पिता ने उसका शारीरिक
शोषण करना शुरु कर दिया था।
जब इंद्राणी १७ साल की हुई तो
उसने पहली बेटी को जन्म दिया।
यह बच्ची शीना थी। दावा किया
जा रहा है कि यह बच्ची इंद्राणी
के सौतेले पिता की बेटी थी।
इस तरह शीना इंद्राणी की बेटी
भी थी और बहन भी।
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शीना
बोरा
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कागजों में भी बहन बताया
इंद्राणी
ने २००२ में तीसरी शादी की।
इससे पहले उसने शीना का बर्थ
सर्टीफिकेट बनवाया,
जिसमें उसने
शीना के मां-बाप
के रुप में अपने माता-पिता
का नाम ही लिखाया। चर्चा है
कि यह सर्टीफिकेट अपने तीसरे
पति को यह भरोसा दिलाने के लिए
बनवाया गया था कि शीना उसकी
बहन है, ना
कि बेटी। क्योंकि इंद्राणी
अपने तीसरे पति पीटर मुखर्जी
को यही बताती आई थी कि शीना और
वह सगी बहनें हैं।
बिना शादी बन गई दो बच्चों की मां
सिद्धार्थ
दास के साथ भले इंद्राणी शादी
नहीं कर पाई, लेकिन
चार साल तक उसके साथ लिव-इन
में रही। जब वह १८ साल की हुई
तो उसने दूसरे बच्चे मिखाइल
को जन्म दिया। इसके बाद चमक-दमक
की दुनिया पसंद करने वाली
इंद्राणी और सिद्धार्थ में
अनबन होने लगी। तब सिद्धार्थ
ने उसे छोड़ दिया। और इस तरह
इंद्राणी बिन ब्याहे दो बच्चों
की मां बन गई।
पापा ने खुलवाया था रेस्त्रां
सिद्धार्थ
जब इंद्राणी को छोड़ गया तो
पापा उपेंद्र बोरा ने गुवाहटी
में इंद्राणी को एक रेस्त्रां
खुलवा दिया ताकि वह बच्चों
को पाल सके। लेकिन रेस्त्रां
नहीं चल पाया।
फिर भाग गई घर से
जब
पैसे की कमी हुई तो इंद्राणी
ने बच्चों को गुहावटी ही छोड़ा
और खुद फिर शिलांग चली गई।
वहां से उसने कोलकाता का रुख
किया। कोलकाता में वह संजीव
खन्ना के साथ रहने लगी और उससे
शादी कर ली। खन्ना से उसे एक
बेटी हुर्इ जिसका नाम विधि
है।
नौकरी के बहाने खन्ना को बाय-बाय
तब
तक इंद्राणी का मन खन्ना से
भी भर चुका था। इसी दौरान उसे
मुम्बई में एचआर मैनेजर की
नौकरी मिल गई। २००१ में उसने
खन्ना को भी बाय-बाय
बोल दिया । उसका घर छोड़ दिया
और मुम्बई आ गई । यहां उसने
खुद की एचआर कंसल्टेंसी फर्म
खोल ली।
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पीटर
मुखर्जी के साथ इंद्राणी
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… और फिर पीटर की हो गई इंद्राणी
इसी
दौरान इंद्राणी की मुलाकात
स्टार नेटवर्क के अधिकारी
पीटर मुखर्जी से हुई। पीटर
भी इंद्राणी की तहत अपने
जीवनसाथी से अलग हो चुके थे।
दोनों में पहले नजदीकियां
बढ़ीं और फिर प्यार की पींगें।
इन दोनों की जोड़ी खूब चर्चा
में रही। अपनी पॉजिशन का फायदा
उठाते हुए पीटर ने पहले इंद्राणी
की फर्म को अपनी कंपनी का
आधिकारिक एचआर कंसल्टेंट
बनाया और बाद में इंद्राणी
को एचआर हेड के पद पर बैठा दिया।
वह तो भूल ही गई थी, बच्चों ने ही खुद की याद दिलाई
२००३
में जब पीटर और इंद्राणी की
शादी की खुशी में उनके एक दोस्त
सुहैल सेठ ने भव्य पार्टी दी।
शादी में इंद्राणी की ओर से
उसकी दूसरे पति से एकमात्र
बेटी विधि ने ही भाग लिया।
दोनों की शादी की खबरें मीडिया
में आईं तो किसी तरह ये बात
गुवाहटी में इंद्राणी के घर
तक भी पहुंची। तब तक इंद्राणी
पहले पति से पैदा हुए अपने
दोनों बच्चों को लगभग भूल ही
चुकी थी। जब बच्चों को अपनी
मां की तीसरी शादी के बारे में
पता चला तो उन्होंने खुद ही
उससे संपर्क साधा।
खुद को मेरे भाई-बहन बताओगे तो खूब पैसे दूंगी - इंद्राणी
बच्चों
से संपर्क होने के बाद इंद्राणी
उनसे मिलने गुवाहटी गई। जब
बच्चों ने साथ चलने की बात कही
तो उसने एक शर्त रखी। शर्त ये
थी कि यदि तुम लोग खुद को मेरे
बेटा-बेटी
की बजाय भाई-बहन
बताअोगे तो मैं तुम्हें हर
जरुरत से ज्यादा पैसे देती
रहूंगी। बच्चों को तो जीवन
में आगे बढ़ने के लिए पैसों
की जरुरत थी । इसी कारण उन्होंने
हां कर दी।
शीना को सबसे इंद्राणी की बहन के तौर पर मिलवाया
२००६
में शीना ने मुंबई में सेंट
जेवियर्स कॉलेज में दाखिला
लिया । शुरु में वह इंद्राणी
और पीटर के घर में ही रही। यहां
उसका परिचय इंद्राणी की छोटी
बहन के तौर ही करवाया जाता था।
आने-जाने
वाले सब लोग शीना और इंद्राणी
को बहनों के रुप में जानते थे।
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एक
पार्टी में राहुल और शीना
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भाई-बहन या प्रेमी-प्रेमिका?
शीना
जब पीटर के घर रह रही थी तो वह
पीटर के बेटे राहुल के साथ
अकसर बाहर आती-जाती
थी। हालांकि रिश्ते में राहुल
शीना का भाई लगता, लेकिन
फिर भी दोनों में प्यार हो
गया। राहुल का तर्क है कि उन्हें
ताे ये बात मालूम ही नहीं थी
कि शीना इंद्राणी की बेटी है,
न कि बहन।
इंद्राणी ने दोनों के प्रेम
का कड़ा विरोध किया। हालांकि
पीटर को इससे कोई ऐतराज नहीं
था।
दूसरे पति से छीन ली बेटी
२००७
में पीटर ने स्टार नेटवर्क
की नौकरी छोड़ दी और खुद की
कंपनी आईएनएक्स मीडिया बना
ली। इंद्राणी को इसका सीईओ
बनाया गया। २००९ में दोनों
ने यह कंपनी बेची और ब्रिस्टल
स्थित पीटर के पैतृक घर चले
गए। इंद्राणी दूसरे पति से
पैदा हुई बेटी विधि को भी साथ
ले जाना चाहती थी, जिसका
दूसरे पति संजीव खन्ना ने कड़ा
विरोध किया। लंबी लड़ाई के
बाद आखिर इंद्राणी की जीत हुई
और वह विधि को साथ ले गई और उसका
सरनेम खन्ना से बदलकर मुखर्जी
कर दिया।
ऐसे खुला इंद्राणी का राज
राहुल
से इश्क में पड़ने के बाद एक
दिन शीना ने सच उगल दिया कि वह
इंद्राणी की बहन नहीं,
बेटी है।
राहुल ने यह बात अपने पिता
पीटर को बताई। पीटर ने पहले
तो इसे बकवास बताया, लेकिन
बाद में भरोसा कर लिया। इंद्राणी
के विरोध के बावजूद शीना और
राहुल ने बांद्रा में एक फ्लैट
ले लिया और साथ रहने लगे। तब
राहुल एक स्ट्रगलिंग एक्टर
था। इसी दौरान २०११ में शीना
को मुम्बई मेट्राे वन में
नौकरी मिल गई। तब राहुल और
शीना मलाड के एक फ्लैट में आकर
रहने लगे।
फूटी आंख नहीं सुहाती थी दोनों की नजदीकियां
इंद्राणी
को यह कतर्इ बर्दाश्त नहीं
था कि राहुल और शीना पति-पत्नी
की तरह एक साथ रहें। लेकिन
उसके ऐतराज के बावजूद पीटर
का पूरा साथ उन्हें मिला हुआ
था। शीना राहुल के साथ-साथ
पीटर की भी चहेती थी, यह
बात इंद्राणी को बहुत नागवार
गुजरती थी।
ऐसे रची कत्ल की साजिश
२०१२
में इंद्राणी और पीटर मुम्बई
आए। इंद्राणी ने अपने बेटे
मिखाइल और शीना को इस बहाने
बुलाया कि आईएनएक्स मीडिया
कंपनी बेचने के बाद मिले पैसे
का बंटवारा करना है। साथ ही
शीना का राहुल के साथ विवाद
करने का मामला सुलझाने की भी
बात कही। उसी समय इंद्राणी
ने अपने दूसरे पति संजीव खन्ना
को भी कोलकाता से बुला लिया।
२३ अप्रैल को मिखाइल और खन्ना
को वर्ली में दो अलग-अलग
होटलों में ठहराया गया।
पहले ही देख आई थी जगह
मिखाइल
और संजीव को होटल में ठहराने
के बाद इंद्राणी अपने ड्राइवर
श्याम राय के साथ मुम्बई से
१२० किलोमीटर दूर रायगढ़ के
पेन में पहुंची। यह जगह जंगल
में लाशें फेंकने के लिए
दुनियाभर में बदनाम है।
और कर दिया शीना का दि एंड
इसके
बाद इंद्राणी अपने ड्राइवर
के साथ वापस मुम्बई लौट आई।
उसने मिखाइल को वर्ली स्थित
घर पर बुलाया। मिखाइल का आरोप
है कि इसी दौरान उसे ड्रग देकर
बेसुध कर दिया गया। इंद्राणी
ने अगले दिन २४ अप्रैल को शीना
को आरडी कॉलेज के पास मिलने
को कहा। राहुल शाम ६ बजे शीना
को आरडी कॉलेज के पास छोड़
गया। यहां इंद्राणी और संजीव
खन्ना पहले ही इंतजार कर रहे
थे। पुलिस का अंदेशा है कि
गाड़ी में बैठते ही शीना को
ड्रग दे दी गई। आरोप है कि इसके
बाद श्याम राय गाड़ी चलाता
रहा और इंद्राणी और संजीव ने
शीना को गला दबाकर मार डाला।
सूटकेस में भर दी लाश
आरोप
है कि हत्या के बाद वे पेन की
तरफ गए, लेकिन
रास्ते में पुलिस देख वापस
पीटर के वर्ली स्थित घर पर लौट
आए। यहां लाश के साथ ही गाड़ी
को गैरेज में पार्क कर दिया।
देर रात शीना की लाश लाल रंग
के एक सूटकेस में भर दी।
पेट्रोल डालकर लगा दी आग
अगले
दिन २५ अप्रैल को सुबह वे तीनों
लाश वाला सूटकेस लेकर पेन की
तरफ चल पड़े। रास्ते में गागोडे
बुदरुक गांव के पास सुनसान
जगह देखकर उन्होंने सूटकर को
करीब ५० मीटर जंगल में खींचा
और पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
इसके बाद तीनों वापस मुम्बई
लौट आए। संजीव खन्ना ने शाम
की फ्लाइट ली और कोलकाता चला
गया।
ऐसे पुलिस तक पहुंची बात
जब
शीना नहीं लौटी तो राहुल ने
इंद्राणी को फोन कर उसके बारे
में पूछा। इंद्राणी ने कहा
कि अब शीना उससे नहीं मिलना
चाहती और इसी कारण अमेरिका
चली गई है। यह बात राहुल के
गले नहीं उतरी। उसने अपने पापा
पीटर को फोन कर शीना के गायब
होने पर संदेह जताया। उसने
मिखाइल को भी फोन किया कि शीना
रहस्यमय ढंग से गायब हो गई है।
जब राहुल को शीना का पासपोर्ट
अपने फ्लैट में ही मिल गया तो
वह और मिखाइल दोनों खार पुलिस
स्टेशन पहुंचे और शीना के गुम
होने की रिपोर्ट दर्ज कराई।
मोबाइल फिर भी चालू रखा
राहुल
लगातार शीना के मोबाइल पर कॉल
कर रहा था, जो
अब तक चालू था। सैकड़ों कॉल
करने के बाद राहुल को एक मैसेज
आया कि शीना अब उससे बात नहीं
करना चाहती और वह उसे ढूंढना
बंद कर दे। मैसेज में ये भी
लिखा था कि वह देश से बाहर चली
गई है और अपने मिस्टर राइट के
साथ जल्द ही वापस लौट आएगी।
इसी दौरान इंद्राणी ने भरोसा
दिलाया कि शीना पूरी तरह
सुरक्षित है तो मिखाइल भी वापस
गुवाहटी चला गया।
दोबारा शिकायत पर राहुल को ही पड़ी डांट
राहुल
दोबारा वर्ली पुलिस स्टेशन
पहुंचा और मैसेज दिखाकर मामला
दर्ज करने की मांग की। पुलिस
ने कहा- मामला
जांच के बाद दर्ज होगा। पुलिस
जांच करने पीटर के घर गई,
जहां उसे
बताया गया कि राहुल अनावश्यक
रुप से शीना को परेशान कर रहा
था, इस
कारण वह उसे छोड़कर विदेश चली
गई है। पुलिस ने वापस आकर राहुल
को ही फटकारा कि वह शीना को
एकतरफा प्यार में परेशान करना
बंद कर दे।
गांववालों को मिले बाल और नाखून
एक
महीने बाद गागोडे बुदरूक गांव
के लोग जब अचार के लिए कच्चे
आम इकट्ठे करने जंगल में गए
तो उन्हें बहुत तेज बदबू आई।
खोजबीन करने पर उन्हें एक जला
हुआ सूटकेस नजर आया,
जिसमें से
सिर्फ नेलपॉलिश लगे नाखून
बाहर दिख रहे थे। उनकी सूचना
पर पुलिस पहुंची तो सिर्फ
नाखूनों और लंबे बालों से पता
चला कि यह शव किसी महिला का
था। बाकी पूरे शरीर को दीमक
और कीड़े खा गए थे। पुलिस ने
इसे एक और लाश फेंकने का केस
माना और कुछ दिन किसी रिपोर्ट
का इंतजार करने के बाद लाश को
खुर्द-बुर्द
कर दिया।
तीन साल सन्नाटा और फिर एक फोन कॉल
शीना
की हत्या के बाद तीन साल तक
कुछ नहीं हुआ। इंद्राणी और
पीटर ने जब से देश छोड़ा श्याम
राय ने ऑटो चलाना शुरू कर दिया
था। जब वे लोग वापस आते तो वह
उनका ड्राइवर बन जाता था। फिर
एक दिन अचानक खार पुलिस को एक
फोन कॉल आई कि एक ऑटोरिक्शा
चालक ने एक बड़े घर की लड़की
की हत्या कर लाश रायगढ़ में
फेंक दी है।
एक गलती, और फंस गए सब
सूचना
के आधार पर पुलिस ने श्याम राय
पर निगाह रखनी शुरू कर दी। जब
इंद्राणी भारत लौटी तो उसे
भी पुलिस ने अपनी नजर में ले
लिया। २१ अगस्त को श्याम राय
वह जगह देखने गया जहां शीना
की लाश फेंकी गई थी। वापस लौटते
ही पुलिस ने श्याम राय को अवैध
हथियार रखने के आरोप में
गिरफ्तार कर लिया। कड़ाई से
पूछताछ करने पर श्याम टूट गया।
पुलिस ने तीन दिन बाद इंद्राणी
को भी उसके घर से गिरफ्तार कर
लिया। साथ ही सारे मोबाइल,
लैपटॉप,
कंप्यूटर
और कागजात सील कर दिए गए। एक
दिन बाद कोलकाता से संजीव
खन्ना काे भी पुलिस ने धर-दबोचा।
लेकिन कुछ सवालों के जवाब किसी के पास नहीं...
१.
जब इंद्राणी
अपने दूसरे पति संजीव खन्ना
को छोड़ चुकी थी तो उसने इंद्राणी
का साथ क्यों दिया?
२.
आखिर ऐसा
क्या था कि राहुल के अलावा
सबने चुप्पी साधे रखी?
आखिर क्यों
पीटर मुखर्जी ने शीना को तलाशने
की कोशिश नहीं की?
३.
शीना की
हत्या के बाद राहुल को मैसेज
किसने भेजा?
४.
शीना मुम्बई
मेट्रो वर में नौकरी करती थी,
वहां उसकी
हत्या के कई दिन बाद इस्तीफा
कैसे पहुंचा?
५.
मिखाइल और
उसके नाना-नानी
ने ये जानने की कोशिश क्यों
नहीं की कि शीना आखिर है कहां?
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