- मंदी की आहट से सहमे उद्योगपतियों के साथ प्रधानमंत्री ने की बैठक
नई
दिल्ली। पूरी दुनिया में
आर्थिक मंदी की आहट और भारतीय
उद्योगपतियों की शंकाअों के
बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने देश के बड़े कारोबारियों,
बैंकर्स,
मंत्रियों
और अधिकारियों के साथ अहम बैठक
की। प्रधानमंत्री निवास पर
हुई इस बैठक में आर्थिक मंदी
से निपटने की तैयारियों और
इसमें भारत क्या भूमिका निभा
सकता है, इस
पर चर्चा हुई। बैठक में
उद्योगपतियों ने जहां मंदी
की आशंका से ब्याज दरें कम
करने आैर बेहतर नीति बनाने
की मांग की, वहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि
यह मंदी नहीं है, यह
तो निवेश का बेहतरीन मौका है।
जल्द लागू हो जाएगा जीएसटी
बैठक
में प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों
को सलाह दी कि वे निवेश बढ़ाएं
और जोखिम लेने से पीछे न हटें।
यह हमारे लिए फायदा उठाने और
निवेश करने का वक्त है। वहीं
उद्योगों से संबंधित संगठनों
ने कहा कि इस वक्त संपत्ति की
कीमत बहुत ज्यादा है। उन्होंने
ब्याज दरों के मुद्दे को उठाया।
बैठक में वित्त मंत्री अरुण
जेटली ने उम्मीद जताई कि यह
जल्द ही लागू हो जाएगा। बैठक
में लैंड बिल पर कोई चर्चा
नहीं हुई।
इसलिए बुलाई बैठक
चीन
का उत्पादन कम होने के कारण
जहां पूरी दुनिया मंदी के डर
से सहमी हुई है, वहीं
मोदी सरकार का मानना है कि चीन
में मंदी भारत के लिए बहुत
बड़ा अवसर है और हमें चूकना
नहीं चाहिए । मोदी अपने मेक
इन इंडिया मिशन के तहत चाहते
हैं कि चीन की हल्की पड़ती
अर्थव्यवस्था का फायदा भारत
उठाए।
कौन-कौन आया
- रिलायंस
इंडस्ट्री के चीफ मुकेश अंबानी
- टाटा
ग्रुप के चेयरमैन सायरस मिस्त्री
- भारती
एयरटेल के चीफ सुनील भारती
मित्तल
- एस्सार
ग्रुप के शशि रूईया
- रिलायंस
ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी
- अडाणी
ग्रुप के चीफ गौतम अडाणी
- रिजर्व
बैंक के चेयरमैन रघुराम राजन
- नीति
आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद
पनगढिया
- सीआईआई
के प्रेसिडेंट सुमित मजूमदार
- फिक्की
प्रेसिडेंट ज्योत्सना सूरी
- ICICI बैंक
की सीईओ चंदा कोचर
- एसबीआई
चेयरमैन अरुंधती भट्टाचार्य।
- महिंद्र
ग्रुप के चेयरमैन और एमडी आनंद
महिंद्रा
- आदित्य
बिरला ग्रुप के हेड कुमार
मंगलम बिरला
- वित्तमंत्री
अरुण जेटली, ट्रांसपोर्ट
मंत्री नितिन गडकरी,
ऊर्जा मंत्री
पीयूष गोयल और तेल मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान
इस कारण मंदी से डर रहे हैं लोग
- उत्पादन
में गिरावट के कारण चीन ने
अपनी मुद्रा युआन की कीमत घटा
दी है। यूरोप पहले ही मंदी की
चपेट में आ चुका है, इस
कारण दुनियाभर में मंदी की
आशंका गहरा गई है।
- शेयर
बाजार सोमवार को 15 महीने
के निचले स्तर पर पहुंचा।
सेंसेक्स 25 हजार
से नीचे पहुंच गया है।
- रुपया
सोमवार को डॉलर के मुकाबले
दो साल पुराने निचले स्तर
(66.82) पर
जा पहुंचा।
- अप्रैल-जून
तिमाही में भारत की GDP
ग्रोथ 7
पर्सेंट
रही। पिछले तिमाही में यह 7.5%
थी।
- मूडीज
ने 2015 के
लिए इंडिया की GDP ग्रोथ
का अनुमान घटाकर 7% किया।
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